गांव की महिलाओं और बुजुर्गों ने मिलकर गांव को स्वच्छता की ओर कदम बढ़ाते हुए की अनूठी पहल

कहते ना पहला सुख निरोगी काया है ,जहां स्वच्छता है वह तो स्वस्थ और अनुकूल वातावरण मन को प्रफुल्लित कर देता है , एक तरफ शहर से ग्रामीणों क्षैत्र में रंगो के त्यौहार को देखते घरो -दुकानो में साफ सफाई कर होली फेस्टिवल का रंग चढ़ाने लगा है , वहीं पुरे गांव को स्वच्छ और साफ का नावाचार करते हुए सरंपच प्रतिनिधि मोहन पटेल ने स्वच्छता की ओर कदम बढ़ाते हुए ग्रामीणों को साथ लेकर धवा के ग्राम पंचायत चाली में स्वच्छ गांव अभियान के तहत ग्राम पंचायत चाली में साफ -सफाई करवा कर स्वस्थ रहने का संदेश दिया है , पहल करते हुए विभिन्न सड़कों , गलियों की साफ सफाई के लिए अभियान चलाया , इसी दौरान गांव की महिलाओं और बुजुर्ग लोगों ने भी साफ सफाई कर स्वच्छता का संदेश दिया , उन्होंने कहा कि यदि कोई काम ठान ले तो पीछे नहीं हटना चाहिए , आज महिला और बुजुर्ग लोगों ने गली गली में बबूल की झाड़ियां और हर गली मोहल्ले में झाड़ू निकाल कर कई घंटों तक परिश्रम करके गांव को स्वच्छ और सुंदर बना लिया उन्होंने कहा कि हर रोज दो घंटे नियमित रूप से साफ सफाई कर गांव को साफ सुथरा बनाने की जिम्मेदारी ली , वहीं सरंपच प्रतिनिधि पटेल ने बताया कि होली का त्यौहार आने वाला है इसी को लेकर गांव की महिला और बुजुर्गों के साथ मिलकर हर रोज नियमित रूप से सफाई करने का जिम्मा उठाया , उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में गांव को हरा-भरा और स्वस्थ रखकर सम्राट गांव बनाने की योजना का संकल्प लिया है , वहीं उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी कहते थे कि हमारे देश की आत्मा गाँवों में बसती है। अगर असल देश के दर्शन करने हों तो बस कहीं नहीं, गाँवों में घूम आइये। वैसे ये भी सही है कि भारत को छोड़ दुनिया में शायद कोई ऐसा देश होगा, जहाँ इतनी प्रचुर संख्या में गाँव होंगे और जो संस्कृति से लेकर कृषि और विविध संस्कृति की एक समृद्ध और रंगबिरंगी तस्वीर पेश करते होंगे। आज भी जब गाँवों की बात होती है तो वहाँ के हरे-भरे खेत, शुद्ध आबोहवा और प्रकृति के साथ तालमेल की अलग ही मनोरम तस्वीर उभरती है। ये तस्वीर अब और बेहतर हो रही है क्योंकि देश के गाँवों में स्वच्छता के प्रति एक नई लहर उठने लगी है ।

 मोहन पटेल , संरपच चाली

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